
21 दिन चंदन उत्सव - ठाकुर जी के लिए एक विशेष त्योहार
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चंदन उत्सव (जिसे चंदन यात्रा या चंदन महोत्सव भी कहा जाता है) एक अत्यधिक धार्मिक और सुंदर पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण, भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु और उनके विभिन्न रूपों के मंदिरों में मनाया जाता है। इस उत्सव के दौरान, 21 दिन तक ठाकुर जी (भगवान) को प्रेमपूर्वक चंदन (संतलwood पेस्ट) से अभिषेक किया जाता है।
यह उत्सव विशेष रूप से गर्मियों के आगमन के साथ मनाया जाता है। चंदन एक प्राकृतिक रूप से ठंडक प्रदान करने वाला पदार्थ है, जो गर्मी से राहत प्रदान करता है। इसके साथ ही, यह शुद्धता और आध्यात्मिक शांति का प्रतीक भी माना जाता है।
चंदन उत्सव का उद्देश्य
- यह विश्वास किया जाता है कि भगवान को गर्मी से राहत देना भक्तों का परम कर्तव्य है, जैसे एक मां अपने बच्चे का ध्यान रखती है।
- चंदन का उपयोग न केवल ठंडक देने के लिए किया जाता है, बल्कि यह शुद्धि और भगवान को प्रसन्न करने का एक सुंदर तरीका है।
- भक्तों का मानना है कि इस उत्सव के माध्यम से वे अपने मन और हृदय को भगवान के प्रति समर्पित करते हैं।
चंदन उत्सव कैसे मनाया जाता है?
- रोजाना की पूजा: प्रतिदिन, ताजे चंदन का पेस्ट तैयार किया जाता है (जिसे अक्सर केसर, कपूर और अन्य सुगंधित हर्ब्स से मिलाया जाता है) और इसे भगवान के चेहरे, छाती, हाथों, पैरों पर लगाया जाता है।
- सजावट: मंदिर और भगवान को फूलों, विशेष वस्त्रों, मोती और आभूषणों से सजाया जाता है।
- कीर्तन और भजन: विशेष भजन और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
- ठंडे प्रसाद का भोग: भक्त भगवान को मौसमी फल, तरबूज, नारियल और शर्बत, मठ्ठा आदि का भोग अर्पित करते हैं।
- विशेष दर्शन: कुछ मंदिरों में नौका विहार का आयोजन किया जाता है, जिसमें भगवान को सजे-धजे नौका में बैठाया जाता है और यह जलाशय में बिठाकर भगवान की यात्रा कराई जाती है।
- धार्मिक मेले: कुछ मंदिरों में इस समय विशेष धार्मिक मेले का आयोजन होता है, जहाँ भक्त जुटते हैं और दिव्य भक्ति का अनुभव करते हैं।
यह उत्सव कहाँ प्रसिद्ध है?
- पुरी के जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा): चंदन यात्रा यहाँ का प्रमुख त्योहार है। भगवान जगन्नाथ और अन्य देवताओं को विशाल जुलूस में ले जाया जाता है, और उन्हें नाव में बैठाकर उत्सव मनाया जाता है।
- वृंदावन, मथुरा, नाथद्वारा और अन्य कृष्ण मंदिर: चंदन उत्सव यहाँ भी बहुत श्रद्धा और भक्ति से मनाया जाता है। विशेष रूप से पुष्टिमार्ग, गौडीय वैष्णववाद और रामानंदी सम्प्रदायों में यह विशेष रूप से मनाया जाता है।
- ISKCON मंदिर: दुनिया भर के ISKCON मंदिरों में भी चंदन उत्सव की धूम होती है, जहाँ भगवान श्री कृष्ण को चंदन से अभिषेक किया जाता है।
आध्यात्मिक महत्व
- भक्तों का मानना है कि चंदन उत्सव में भाग लेने से वे न केवल भक्तिमय जीवन को प्राप्त करते हैं, बल्कि उनके मन और शरीर को ठंडक मिलती है।
- इस उत्सव के माध्यम से भक्त अपने कर्मों की शुद्धि करते हैं और भगवान से प्रेम भरा सम्बंध स्थापित करते हैं।
- यह सेवा भाव और समर्पण का प्रतीक है — जैसे भगवान का ध्यान रखना, वैसे ही हमें दूसरों की भी सेवा करनी चाहिए।
समाप्ति:
चंदन उत्सव एक ऐसा पर्व है जो भगवान श्री कृष्ण और अन्य देवताओं के प्रति भक्ति को प्रगाढ़ करता है। इस पर्व के माध्यम से हम अपने जीवन में भक्ति, सेवा और शुद्धता के महत्व को समझते हैं।