BR Emporium की पूजा सामग्री के साथ सजाया गया पूजन स्थल

योगिनी एकादशी: पापों का अंत और आत्मा की शुद्धि का पर्व

BR Emporium

हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का अत्यधिक महत्व है। इनमें भी योगिनी एकादशी एक ऐसी तिथि है जिसे पापनाशिनी, मोक्षदायिनी और सौभाग्यवर्धिनी एकादशी कहा गया है। यह व्रत आषाढ़ मास के कृष्ण पक्षनिर्जला एकादशीदेवशयनी एकादशी

योगिनी एकादशी की पौराणिक कथा

स्कंद पुराण में योगिनी एकादशी व्रत की कथा के अनुसार, अलकापुरी में एक कुबेर नामक राजा था जो भगवान शिव का परम भक्त था। उसके राजमहल में हेममाली नामक एक सेवक पुष्प अर्पित करने का कार्य करता था। वह अपनी पत्नी के मोह में डूबकर कर्तव्य से विमुख हो गया। क्रोधित होकर कुबेर ने उसे श्राप दे दिया जिससे वह कुष्ठ रोग से पीड़ित हो गया और वन-वन भटकने लगा। एक दिन उसने मुनि मार्कंडेय से भेंट की, जिन्होंने उसे योगिनी एकादशी व्रत करने की सलाह दी। व्रत के प्रभाव से वह रोगमुक्त हो गया और अपने पूर्व जीवन को पुनः प्राप्त किया।

इस दिन का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

योगिनी एकादशी का व्रत त्रिलोकी में प्रसिद्ध है। इस दिन का व्रत करने से व्यक्ति को जीवन में सुख-समृद्धि, पवित्रता और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह एकादशी उन सभी को लाभ देती है जो अपने पापों का प्रायश्चित करना चाहते हैं या आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होना चाहते हैं।

ऐसा माना जाता है कि इस व्रत का पुण्य फल 88,000 ब्राह्मणों को भोजन कराने के समान है। यह व्रत विशेष रूप से उन भक्तों के लिए अत्यधिक लाभकारी होता है जो कठिन तपस्या या संयम के मार्ग को अपनाते हैं।

व्रत विधि (Ekadashi Vrat Vidhi)

  • व्रत से एक दिन पूर्व सात्विक भोजन लें और मन, वाणी और कर्म से पवित्र रहने का संकल्प लें।
  • एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें और घर में पवित्र वातावरण बनाएं।
  • भगवान विष्णु के चित्र या मूर्ति के सामने दीप प्रज्वलित करें, पुष्प, धूप, नैवेद्य अर्पित करें।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें।
  • दिनभर उपवास रखें — फलाहार अथवा जल पर रहें (श्रद्धानुसार)।
  • रात्रि में श्रीहरि का भजन-कीर्तन करें और जागरण करें।

पारण विधि (Parana Vidhi)

एकादशी का व्रत पूर्ण करने के बाद द्वादशी तिथि को प्रातःकाल सूर्योदय के बाद व्रत पारण करें। पारण करते समय भगवान विष्णु का स्मरण अवश्य करें। पारण करने से पूर्व हरि वासर समाप्त होना आवश्यक है, क्योंकि हरि वासर में पारण वर्जित है।

BR Emporium के साथ पूजा को बनाएं विशेष

BR Emporium आपकी आध्यात्मिक यात्रा में एक विश्वसनीय साथी है। एकादशी व्रत जैसे पवित्र अवसर पर यदि शुद्ध और दिव्य पूजन सामग्री का उपयोग किया जाए तो उसका फल और भी व्यापक होता है। हमारे पास उपलब्ध हैं:

  • तुलसी माला, चंदन, गंगाजल और पंचामृत सेट
  • श्रीहरि विष्णु की आकर्षक मूर्तियाँ और चित्र
  • व्रत-पूजन थाली, कलश, दीप-धूप सेट और अन्य पूजन सामग्री

हमारा उद्देश्य है कि हर भक्त अपने पूजन को पूर्ण श्रद्धा और साधन के साथ कर सके। हमारे प्रोडक्ट्स www.bremporium.in पर उपलब्ध हैं और घर बैठे सरलता से मंगाए जा सकते हैं।

आध्यात्मिक लाभ

योगिनी एकादशी का व्रत करने से न केवल पापों से मुक्ति मिलती है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है। यह व्रत संयम, भक्ति और तपस्या का प्रत्यक्ष उदाहरण है। यह हमें अहंकार, वासनाओं और कर्मबंधन से दूर करता है और भगवान के चरणों में समर्पण का अनुभव कराता है।

निष्कर्ष

योगिनी एकादशी व्रत हर उस भक्त के लिए अत्यंत कल्याणकारी है जो अपने जीवन को पवित्र बनाना चाहता है। यह दिन न केवल पौराणिक दृष्टि से विशेष है, बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी आत्मिक प्रगति का उत्तम अवसर प्रदान करता है। BR Emporium के साथ मिलकर अपने इस पावन व्रत को और भी दिव्य बनाएँ।

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