भगवान नरसिंह अवतार – हिरण्यकशिपु वध की कथा, BR Emporium

नरसिंह जयंती: भक्त की रक्षा हेतु भगवान का उग्र रूप

BR Emporium

नरसिंह जयंती हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु ने नरसिंह (अर्ध-पुरुष, अर्ध-सिंह) रूप में अवतार लेकर अपने परम भक्त प्रह्लाद की रक्षा की और अधर्मी हिरण्यकशिपु का संहार किया।

नरसिंह अवतार की कथा

हिरण्यकशिपु एक असुर राजा था, जिसने कठोर तप कर ब्रह्मा जी से यह वर प्राप्त किया कि वह न दिन मरेगा, न रात में; न मानव से, न पशु से; न अस्त्र से, न शस्त्र से; न घर में, न बाहर। इस वरदान के अभिमान में उसने स्वयं को ईश्वर घोषित कर दिया और अपने पुत्र प्रह्लाद की विष्णु-भक्ति से क्रोधित हो उठा।

प्रह्लाद बचपन से ही श्रीहरि का परम भक्त था। हिरण्यकशिपु ने उसे अनेक यातनाएँ दीं, परंतु हर बार विष्णु कृपा से उसकी रक्षा हुई।

अंत में, जब हिरण्यकशिपु ने प्रह्लाद से पूछा, "क्या तेरा भगवान हर जगह है?" और खंभे पर प्रहार किया, तब उसी खंभे से भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप में प्रकट होकर संध्या के समय (न दिन, न रात), चौखट पर (न घर, न बाहर), अपने नखों (न अस्त्र, न शस्त्र) से हिरण्यकशिपु का वध किया।

नरसिंह जयंती का महत्व

यह दिन बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है
यह भक्ति, श्रद्धा और धर्म की रक्षा की प्रतिज्ञा का उत्सव है
नरसिंह अवतार यह सिखाता है कि भगवान भक्त की रक्षा के लिए नियमों को भी तोड़ सकते हैं
यह दिन विशेष रूप से भय, क्रोध, बाधा, और नकारात्मक शक्तियों से मुक्ति हेतु पूजा जाता है

पूजन विधि

स्नान कर व्रत का संकल्प लें
भगवान नरसिंह की मूर्ति या चित्र को साफ स्थान पर स्थापित करें
पीले फूल, धूप, दीप, चंदन, नैवेद्य अर्पण करें
"ॐ उग्रं वीरं महाविष्णुं ज्वलन्तं सर्वतोमुखम्।
नृसिंहं भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्॥" मंत्र का जाप करें
भक्त प्रह्लाद की कथा पढ़ें या सुनें
रात्रि में कथा-श्रवण और भजन-कीर्तन करें
अगले दिन व्रत का पारण करें

BR Emporium: एक श्रद्धालु का साथी

जब श्रद्धा की बात आती है, तो केवल अनुष्ठान पर्याप्त नहीं होते—आवश्यक है एक ऐसा वातावरण जो हमारी भक्ति को और गहरा बना सके। BR Emporium केवल एक स्थान नहीं, यह एक आध्यात्मिक यात्रा का साथी है, जहाँ भक्ति, परंपरा और संस्कृति को सम्मानपूर्वक जीवंत रखा जाता है।

BR Emporium का उद्देश्य केवल वस्तुएँ उपलब्ध कराना नहीं, बल्कि भक्त और भगवान के बीच के प्रेम को पोषित करना है। हमारी सामग्री और सेवाएं भक्तों के जीवन में आध्यात्मिक ऊर्जा और सात्विकता लाने में मदद करती हैं—चाहे वह नरसिंह जयंती हो, जन्माष्टमी, राधाष्टमी या कोई अन्य पर्व।

नरसिंह अवतार का संदेश

भगवान अपने भक्त की सच्ची श्रद्धा से अत्यंत प्रसन्न होते हैं
अधर्म चाहे कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो, धर्म की विजय निश्चित है
क्रोध, अहंकार और अत्याचार का अंत अवश्य होता है

निष्कर्ष

नरसिंह जयंती केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि ईश्वर की असीम करुणा और भक्त की अडिग भक्ति की जीवंत मिसाल है। यह दिन हमें सिखाता है कि जब सच्चा प्रेम और आस्था होती है, तो स्वयं भगवान अवतार लेकर हमारे रक्षक बनते हैं।

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